रिकॉर्ड चैकिंग में हजारों परीक्षार्थी के दस्तावेजों में गड़बड़ी मिली, बोर्ड परीक्षा में नहीं हो पाएंगे शामिल

एजुकेशन, इस साल यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 56 लाख से अधिक है। यह परीक्षा 18 फरवरी को आयोजित की जाएगी। लेकिन इन 56 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं में से हजारों पंजीकृत परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। रिकॉर्ड चैकिंग के दौरान इन छात्रों के दस्तावेज सही नहीं पाए जाने की वजह से बोर्ड ने यह फैसला लिया है। वहीं कुछ छात्र ऐसे भी थे, जिन्हें बार-बार अनुर्त्तीण होने के बाद भी नियमित छात्र बताया गया। बोर्ड के पांचों कार्यालयों में चैकिंग के दौरान ऐसे परीक्षार्थियों को सूचीबध्द किया है, जिनकी सूची जल्द ही जारी की जाएगी।

पहले ही जारी हो चुके है प्रवेश पत्र
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 18 फरवरी को आयोजित की जाएगी। इसके लिए बोर्ड ने पहले ही प्रवेश पत्र जारी कर दिए है। साथ ही सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को आदेश भी दिया कि एडमिड कार्ड जारी करने से पहले सभी अयोग्य परीक्षार्थियों की ठीक से जांच कर उन्हें प्रवेश पत्र जारी ना करें। बोर्ड ने यह भी कहा कि जांच प्रक्रिया सही ढंग से पूरी की जाए, ताकि कोई भी योग्य छात्र परीक्षा से वंचित ना रह जाए। हालांकि पिछले कई वर्षों से बोर्ड प्रवेश पत्र जारी करने पहले ही ऐसे अयोग्य परीक्षार्थियों की पहचान कर सूची जारी करता रहा है।

छात्रों के रिकॉर्ड का तीन बार कराया गया परीक्षण
बोर्ड मुख्यालय ने बताया कि सभी परीक्षार्थियों के रिकॉर्ड और रजिस्ट्रेशन से जुड़ी सभी जानकारियों का तीन बार वेरिफिकेशन कराया गया है। साथ ही परीक्षा फॉर्म और पंजाकरण के सॉफ्टवेयर को भी अपग्रेड किया गया है, जिससे रिकॉर्ड में कोई भी गड़बड़ी पाए जाने पर छात्र बाहर होते जा रहे है। बोर्ड के पांच क्षेत्रीय कार्यालयों प्रयागराज, वाराणसी, बरेली, मेरठ और गोरखपुर में अयोग्य अभ्यर्थियों को सूचीबद्ध किया गया है। इसमें से सिर्फ मेरठ कार्यालय में ही ऐसे छात्रों की संख्या करीब पांच हजार है।

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