भागवत कथा में छप्पन भोग, गोवर्धन पूजा का बताया महत्व

विजयीपुर, फतेहपुर। विजयीपुर ब्लाक क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम खेमकरनपुर में चल रही भागवत कथा के आज पांचवें दिन छप्पन भोग और गोवर्धन पूजा का महत्व बताया। आयोजित श्रीमद भागवत कथा के दौरान कुव भक्ति त्रिपाठी ने बताया कि भगवान इन्द्र जब प्रकोप में थे तब उन्होंने वर्षा करके कहर बरपाया। चारों ओर हाहाकार मच गई। गांव जलमग्न होने लगे तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उंगली पर उठा लिया। इससे गांव के सभी लोग गोवर्धन पर्वत के नीचे गए और वहां शरण ली। कथा व्यास ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र का मान नष्ट करके गिर्राज पूजा कराई थी। तब सभी बृजवासियों ने गोवर्धन पहुंचकर गोवर्धन पर्वत का पूजन किया और 56 भोग लगाया। उन्होंने कहा कि आज भी वृदांवन में बांके बिहारी को दिन में आठ बार भोग लगाया जाता है। पूरे सात दिन भगवान श्रीकृष्ण ने भूखे प्यासे गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा था। आचार्य देव शरण त्रिपाठी ने कहा कि इस भोग से मन के विकार दूर होते हैं। मन की शुद्धि होती है। भगवान अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए किसी ना किसी रूप में प्रकट होते है। इस अवसर पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि गोदौरा शिवपत सिंह,मोनू शर्मा, मनोज कुमार, प्रेम चंद्र सिंह, मिलन सिंह, सुमेर सिंह, राजू यादव आदि लोग मौजूद रहें।

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