तूफान के दौरान गुजरात में 700 बच्चे जन्मे, 8 हाई रिस्क जिलों में 500 एंबुलेंस लगाई गईं, 1100 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं का रेस्क्यू हुआ

 

अरब सागर में उठा चक्रवात बिपरजॉय 15 जून की शाम गुजरात के कच्छ में तट से टकराया। जब तूफान कहर बरसा रहा था, तभी रेस्क्यू कैंप में 700 से ज्यादा बच्चों ने जन्म लिया।

दरअसल, तूफान आने से 72 घंटे पहले ही गुजरात सरकार ने 8 हाई रिस्क जिलों से करीब 1 लाख लोगों को रेस्क्यू करके कैंप में भेजा था।

रेस्क्यू किए गए लोगों में 1,152 गर्भवती महिलाएं भी शामिल थीं। इनमें से 707 महिलाओं ने अस्पतालों और हेल्थ सेंटर्स में तूफान के दौरान बच्चों को जन्म दिया।

गुजरात सरकार ने बताया कि बच्चों की डिलीवरी में कोई परेशानी न आए, उसके लिए 302 सरकारी वाहन और 202 एम्बुलेंस तैनात की गई थीं।

इन एम्बुलेंस में मेडिकल स्टाफ मौजूद था, जो दिन-रात गर्भवती महिलाओं की देखभाल में लगा रहा।

गुजरात सरकार ने ओडिशा मॉडल अपनाकर लोगों की जान बचाई
गुजरात के तट से टकराने के बाद तूफान अपने पीछे बड़ी तबाही छोड़ गया है, लेकिन स्थानीय नागरिकों, प्रशासन, और सरकार के प्रयास से बड़ी जनहानि को रोकने में कामयाबी मिली है। सरकार ने तूफान मैनेजमेंट पर ओडिशा मॉडल को अपनाया।

बिपरजॉय के गुजरात तट से टकराने की 72 घंटे पहले ही पुष्टि हो गई थी। इसके बाद सरकार और राहत दलों ने बेहद तेज रफ्तार से काम किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपात बैठक बुलाई और केंद्रीय मंत्रियों की टीम गुजरात भेजी। गांधीनगर में गांधीनगर स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में CM भूपेन्द्र पटेल ने मोर्चा संभाला और हालात पर नजर रखी। तूफान से कच्छ-सौराष्ट्र के 8 जिलों में ज्यादा नुकसान हुआ।

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